रात को रात ही इस बार कहा है हम ने By Sher << ये वफ़ा की सख़्त राहें ये... ऐ 'मुसहफ़ी' शायर ... >> रात को रात ही इस बार कहा है हम ने हम ने इस बार भी तौहीन-ए-अदालत नहीं की Share on: