यूँ तो हर शख़्स अकेला है भरी दुनिया में By Sher << ज़रा सी बात सही तेरा याद ... ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये ... >> यूँ तो हर शख़्स अकेला है भरी दुनिया में फिर भी हर दल के मुक़द्दर में नहीं तन्हाई Share on: