यूँ तो जल बुझने में दोनों हैं बराबर लेकिन By Sher << क्यूँ शेर-ओ-शायरी को बुरा... क्यूँ नीची नज़रें कर लीं ... >> यूँ तो जल बुझने में दोनों हैं बराबर लेकिन वो कहाँ शम्अ में जो आग है परवाने में Share on: