यूँ तो पत्थर बहुत से देखे हैं By Sher << कुछ दिन तो मलाल उस का हक़... कब भटक जाए 'आफ़्ताब&#... >> यूँ तो पत्थर बहुत से देखे हैं कोई तुम सा नज़र नहीं आया Share on: