यूँही इंसानों के शहरों में मिला अपना वजूद By Sher << ज़िंदाँ में आचानक है ये क... ये भी इक रात कट ही जाएगी >> यूँही इंसानों के शहरों में मिला अपना वजूद किसी वीराने में इक फूल खिला हो जैसे Share on: