'ज़फ़र' ज़मीं-ज़ाद थे ज़मीं से ही काम रक्खा By Sher << दोनों चश्मों से मरी अश्क ... मंज़र था राख और तबीअत उदा... >> 'ज़फ़र' ज़मीं-ज़ाद थे ज़मीं से ही काम रक्खा जो आसमानी थे आसमानों में रह गए हैं Share on: