आज आए थे घड़ी भर को 'ज़हीर'-ए-नाकाम By Sher << बम फटे लोग मरे ख़ून बहा श... आँसू फ़लक की आँख से टपके ... >> आज आए थे घड़ी भर को 'ज़हीर'-ए-नाकाम आप भी रोए हमें साथ रुला कर उठ्ठे Share on: