ज़ुल्फ़-ए-दू-ता दोराहा-ए-इस्लाम-ओ-कुफ्र है By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... ज़िंदगी है तो दोबारा भी स... >> ज़ुल्फ़-ए-दू-ता दोराहा-ए-इस्लाम-ओ-कुफ्र है ज़ाहिद इधर ख़राब उधर बरहमन ख़राब Share on: