तुम सलामत रहो क़यामत तक Admin सलामती शायरी, Unpublished Sher << वली-अहदी में शाही हो मुबा... थका जब क़तरा-ए-बे-दस्त-ओ-... >> तुम सलामत रहो क़यामत तक दौलत-ओ-इज़्ज़-ओ-जाह रोज़-अफ़्ज़ूँ Share on: