आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है Admin चोरी शायरी, अन्य << सफ़र तुम्हारे साथ बहुत छो... एक बार दीदार कर लो मेरा >> आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा हैबिल्लियाँ तो बेचारी बेरोज़गार बैठी हैं। Share on: