बजती नहीं है तालियाँ किसी एक हाथ से Admin बेजती शायरी, अन्य << भेदभाव भूलकर माना मोहब्बत हुए >> बजती नहीं है तालियाँ किसी एक हाथ से,ढूंढे वो गली गली अपने ही प्यार को। Share on: