दुनिया से छिप कर मुस्कुराने को माँ का आँचल था और दुनिया को हँसता हुआ देखने को Admin पिता की शायरी, अन्य << वक़्त और दोस्त मिलते तो मु... किसी ने मुझ से कहा बहुत ख... >> दुनिया से छिप कर मुस्कुराने को माँ का आँचल थाऔरदुनिया को हँसता हुआ देखने को पिताजी के कंधे। Share on: