वक़्त और दोस्त मिलते तो मुफ्त हैं Admin कीमत पर शायरी, अन्य << बिछड़ने वाले तेरे लिए दुनिया से छिप कर मुस्कुरा... >> वक़्त और दोस्त मिलते तो मुफ्त हैं,लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता है,जब ये कहीं खो जाते हैं. Share on: