ए काश वो किसी दिन ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें

ए काश वो किसी दिन

ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें
उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें

लगता है डर उन्हें तो हमराज़ लेके आयें
जो पूछना है पूछे, कहना है जो सुनाएँ
तौबा हमारी हम जो उन्हें हाथ भी लगाएँ

ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें
उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें

उन्हें इश्क ग़र ना होता पलके नही झुकाते
गालों पे सोख बादल, जुल्फो के ना गिरते
कर दे ना क़त्ल हमको मासूम ద
92fह अदाएँ

ए काश वो किसी दिन तनहाइयों में आयें
उनको ये राजे दिल हम महफ़िल में क्या बतायें।

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