एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर Admin नाय साल की शायरी 2016, अन्य << हम दूर तक यूँ ही नहीं पहु... ए काश वो किसी दिन ए काश ... >> एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकरहर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकरमेरी दोस्ती पे कभी शक ना करनाहम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर। Share on: