एक अज़ीब सा रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरम्यां Admin ख्वाहिश शायरी हिंदी, अन्य << न तेरी अदा समझ में आती है... परछाई बनकर जिन्दगी भर >> एक अज़ीब सा रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरम्यां,वो मुझे जीने नही देती… और मै उन्हे मरने नही देता..!! Share on: