न तेरी अदा समझ में आती है ना आदत Admin नयी शायरी 2017, अन्य << मैं मोहब्बत करता हूँ तो ट... एक अज़ीब सा रिश्ता है मेर... >> न तेरी अदा समझ में आती है ना आदत...ऐ ज़िन्दगी,तू हर रोज़ नयी सी , मैं हर रोज़ वही उलझा सा. Share on: