इसे इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़त Admin अन्य << राहो में निकले तो रास्ता ... न तेरी शान कम होती न रुतब... >> इसे इत्तिफ़ाक़ समझो या मेरे दर्द की हकीक़तआँखे जब भी नम हुई, वजह तुम ही निकले। Share on: