जल के आशियाँ अपना ख़ाक हो चुका कब का Admin ख़ाक शायरी, अन्य << मैंने कल शब चाहतों की सब ... लानत है ऐसे पीने पर हज़ार ... >> जल के आशियाँ अपना ख़ाक हो चुका कब काआज तक ये आलम है रोशनी से डरते है। Share on: