खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से Admin दिल से खेलना शायरी, अन्य << ज़िंदगी यूँ भी बहुत कम है... एक तेरे बगैर ही ना गुज़रेग... >> खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से..दर्द जान जाओगे..जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से.. Share on: