कोई मिला ही नहीं जिसकों वफ़ा देता Admin धोखा शायरी दो लाइन, अन्य << ज़िंदगी की असली उड़ान बाकी ... क्या पता था >> कोई मिला ही नहीं जिसकों वफ़ा देतासभी ने धोखा दिया किस-किस को सजा देताये तो हम थे कि चुप रह गये वर्नादास्तान सुनाता तो महफ़िल को रुला देता। Share on: