महफ़िल मैं कुछ तो सुनाना पड़ता हैं Admin जख्मी दिल शायरी, अन्य << खास तो बहुत है हम भी उनके आपकी आंखें ऊंची हुईं तो द... >> महफ़िल मैं कुछ तो सुनाना पड़ता हैं,गम छुपाकर मुस्कुराना पड़ता हैं,कभी उनके हम थे दोस्त,आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता हैं। Share on: