मैं अपने दिल से हजार बार बोलता हूँ के "यार सोच दारु कैसे छोड़ू Admin दारु शायरी मराठी, अन्य << कहीं तो शौख में महँगी सी ... लोग अब अभिमान के अनुकूल ह... >> मैं अपने दिल से हजार बार बोलता हूँ के "यार सोच दारु कैसे छोड़ू?"लेकिन साला ये दिल बार बार बोलता है के सोचने के लिए भी कम से कम एक पैग चाहिए बॉस Share on: