मैं उन्हीं ख़ूबियों का मालिक हूँ अन्य << जिन के होंटों पे हँसी पाँ... ढूँढोगे अगर मुल्कों मुल्क... >> मैं उन्हीं ख़ूबियों का मालिक हूँआप जिनको कमी समझते हैं! Share on: