मेरी तलाश में दीवानगी का आलम है Admin दीवानगी शायरी इन हिंदी, अन्य << अब ना तुम मुझसे कभी हरगिज़... हर जहाँ ने बहुत सताया है >> मेरी तलाश में दीवानगी का आलम है शबे फ़िराक में लाचारगी का आलम है मुझे नसीब से ऐसा सफ़र मयस्सर होजहाँ पे आपकी दरियादिली का आलम है Share on: