मुझे चुभते काँटो के हर फूल मंजूर हैं Admin हंसी मजाक शायरी, अन्य << था एक वक़्त हमें जब यूं तो ये हवाएं भी ना जान... >> मुझे चुभते काँटो केहर फूल मंजूर हैं,दिल को भेदते हर वोखूनी शूल मंजूर हैं,गर खिलती है तेरे होठों की हंसीमुझे भूलने से,तो मुझे तेरी हर वो भूल मंजूर हैं. Share on: