यूं तो ये हवाएं भी ना जाने किस किस के दामन को छू कर आती Admin खुशबू हिंदी शायरी, अन्य << मुझे चुभते काँटो के हर फू... कायम है अभी दुनिया में रि... >> यूं तो ये हवाएं भी ना जाने किस किस के दामन को छू कर आती हैं ,उन सब के बीच फिर भी मैं तेरी 'खुशबू' को पहचान लेता हूँ . Share on: