नदी जब किनारा छोर देती हैं Admin जिंदगी मौत शायरी, अन्य << उजड़ी हुई दुनिया को तू आबा... मेरी आँखों की औकात नही की... >> नदी जब किनारा छोर देती हैं,राह की चट्टान तक तोर देती हैं,बात छोटी सी अगर चुभ जाए दिल में तो,जिंदगी के रास्तों को भी मोर देती हैं। Share on: