"ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं Admin अन्य << मौत से इसलिए भी डरता हूँ ... नशीली आँखों से वो जब हमें... >> "ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं,..."मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबान निकले.".!! Share on: