सफर का शौक न मंजिल की जुस्तुजू बाक़ी अन्य << मुस्कुराने की सज़ा कितनी ... ऐ ख़ुदा कैसा समय आया है >> सफर का शौक न मंजिल की जुस्तुजू बाक़ीमुसाफिरों के बदन में नहीं लहू बाक़ी! Share on: