उनकी दुनिया में हम जैसे हज़ारों हैं अन्य << मुझसे मेरे गुनाहों का हिस... छोटी छोटी खुशियाँ ही तो ज... >> उनकी दुनिया में हम जैसे हज़ारों हैंहम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए! Share on: