उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती Admin होंठो पर शायरी, अन्य << न तेरी शान कम होती न रुतब... हमको मिटा सके >> उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होतीबस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती। Share on: