ज़िंदगी का सफर तो एक हसीं सफर है हर किसी को किसी ना किसी की Admin मंज़िल शायरी, अन्य << _हीरों की बस्ती में हमने ... खुद भी रोता है >> ज़िंदगी का सफर तो एक हसीं सफर है हर किसी को किसी ना किसी की तलाश है किसी के पास मंज़िल है तोह राह नहीं और किसी के पास राह है तोह मंज़िल नहीं Share on: