भगवान आपके सारे ग़म रेत पर लिख दे अरमां << काश यह सपना भी पूरा हो जा... शायद फिर से वो तकदीर मिल ... >> भगवान आपके सारे ग़म रेत पर लिख देतांकि वो हवा से ही मिल जाएऔर खुशियां पत्थर पर लिख देतांकि हवा तो क्या, उसे बारिश भी ना मिटा सके। Share on: