शायद फिर से वो तकदीर मिल जाए अरमां << भगवान आपके सारे ग़म रेत पर... कभी ज़िंदगी में ऐसी शाम तो... >> शायद फिर से वो तकदीर मिल जाएजीवन का हसीन पल वो मिल जाएचलो बनाएं बारिश में कागज़ की कश्तीशायद फिर से हमारा बचपन मिल जाए। Share on: