गिला रहे हमसे Admin फासले शायरी हिंदी, अरमां << गम की आहट ना आए तेरे दर प... मैंने कब चाहा कि वो ज़िंदग... >> गिला रहे हमसे, शिकवा रहे हमसेआरज़ू या बस यूँ ही एक सिलसिला रहे हमसेफासले हों दरमियान, या खता हो कोईदुआ है बस यही कि नज़दीकियां रहें हमसे। Share on: