क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह हो Admin अरमां << मिलना इतिफाक था करते हैं दुआ कामयाबी के श... >> क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह होकि मेरी क़बर पे बना उनका घर होवो जब जब सोये ज़मीन परमेरे सीने से लगा उनका सर हो। Share on: