मिलना इतिफाक था Admin सत्य वचन शायरी, अरमां << आँखों में रहा दिल में उतर... क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कु... >> मिलना इतिफाक था, बिछड़ना नसीब थावो उतना ही दूर चला गया, जितना वो करीब थाहम उसको देखने के लिए तरसते रहेजिस शख्स की हथेली पर हमारा नसीब था। Share on: