रूठी जो ज़िंदगी तो मना लेंगे हम अरमां << चाह कर भी कभी ना तुमको भु... छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा >> रूठी जो ज़िंदगी तो मना लेंगे हममिले जो ग़म वो सह लेंगे हमबस आप रहना हमेशा साथ हमारेतो निकलते हुए आंसूओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम। Share on: