मेरी औक़ात से बाहर मुझे कुछ ना देना मेरे मालिक Admin रोशनी पर शायरी, आध्यात्मिक हमने हर शाम चिरागों से सज... >> मेरी औक़ात से बाहर मुझे कुछ ना देना मेरे मालिकक्योंकिज़रूरत से ज्यादा रोशनी भी इंसान को अंधा बना देती है। Share on: