1 Admin बंधन शायरी, इश्क << फिर वही रात है ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ा... >> 1.तुम्हारे जाने के साथ दिन रातों में बदल गए हैं........चैन की बातें न करो, सुकून के पल कहीं निकल गए हैं . ! !2. दिल इश्क से बंधा है, एक जिद्दी परिंदा है,उम्मीदों से ही घायल है और उम्मीदों पे ही जिंदा है... Share on: