फिर वही रात है Admin आँखों शायरी, इश्क << करोगे याद तो हर बात याद आ... 1 >> फिर वही रात है, रात है खाब कीरात भर खाब में, देखा करेंगे तुम्हेंकांच के खाब है, आंखों में चुभ जाएगेंपलकों में लेना इन्हें आंखों में रूक जाएगेंये रात है खाब की, खाब की रात हैफिर वही रात है, रात है खाब की....!! Share on: