दिन की रोशनी में वो चाँद की शीतलता है Admin रोशनी की शायरी, इश्क << एक अक्स सा मुझे आजकल ख्या... रूठ जाती हैं सांसे >> दिन की रोशनी में वो चाँद की शीतलता है,और रात के अँधेरे में सूरज की उज्वलता है !मिलती है सिर्फ जिसके ख़्वाबों से ही राहत,बन जाये वो हकीक़त अब बस यही है चाहत !बिखर न जाये टूटकर ये ख़्वाब यही डर लगता हैएक अक्स सा मुझे आजकल ख्यालों में मिलता है.... Share on: