एक अक्स सा मुझे आजकल ख्यालों में मिलता है Admin अहसास पर शायरी, इश्क << उसके आने की खुसबू जब फिज़... दिन की रोशनी में वो चाँद ... >> एक अक्स सा मुझे आजकल ख्यालों में मिलता है,जिसके अहसास भर से फिज़ाओं में रंग घुलता है !वो कब आकर बस गया मुझे खबर भी न लगी,हुआ असर जब दिल में कसक सी जगी !होकर अजनबी वो इस घर में बेख़ौफ़ चलता है,एक अक्स सा मुझे आजकल ख्यालों में मिलता है !! Share on: