कटी पतंग का रुख़ था मेरे घर की तरफ़ मगर Admin पतंग पर शायरी, इश्क << *****चाँद के लिए सितारे अ... सर झुकाने से नमाज़ें अदा ... >> कटी पतंग का रुख़ थामेरे घर की तरफ़ मगर,:d:d..उसे भी लूट ले गयेऊँचे मकान वाले.:d:d Share on: