कोशिश में हूँतुम्हें भूल जाने कीनिकाल ना सकीतुम्हें मन से..जाने कब-कबमेरे हवासों परछा जाते होतुम आकर..द्वंद-पूरितयह जीवनपथजाने कितने हीकाँटों-संघर्षों भरा..तुम्हारी कल्पना संगउसका हाथ पकड़तब निकल पाती हूँसारे झंझावातों से..भूलते-भूलतेजाने कब आकरबस जाते होह्रदय पटल में..धुंधली आकृति वालीडबडबाई आँखों सेहो जाते हो समाहितबन पतवार मेरे जीवन की..