भगवान को मंदिर से ज्यादा मनुष्य का हृदय पसंद है। क्योंकि मंदीर मैं इंसान की चलती है। हृदय में Admin भगवान भक्ति शायरी, ज़िन्दगी << स्मशान के बाहर लिखा था म... जिंदगी की बैंक में जब " प... >> भगवान को मंदिर से ज्यादामनुष्य का हृदय पसंद है।क्योंकिमंदीर मैं इंसान की चलती है।हृदय में भगवान की। Share on: