चलती हुई कहानियों का Admin शायरी खामोशी पर, ज़िन्दगी << मुख्तसर कि परवाह नहीं कि ... जमाने की नजर मेँ थोड़ा सा... >> चलती हुई कहानियों का, शोर तो बहुत हैं.....लेकिन खत्म हुए किस्सों की, खामोशी ही बेहतर है... Share on: