मुख्तसर कि परवाह नहीं कि जीना खुशी से मकसद है मेरा जिन्दगी चार पल की है Admin कमल की शायरी, ज़िन्दगी << लोग कहते है तुम संघर्ष कर... चलती हुई कहानियों का >> मुख्तसर कि परवाह नहींकि जीना खुशी से मकसद है मेराजिन्दगी चार पल की है , कि इसीसे दामन मुक्कमल है मेरा । Share on: