यूँ ना छोड़ जिंदगी की किताब को खुला: वक्त शायरी हिंदी, ज़िन्दगी << कुछ देर की खामोशी है ये शीशे >> यूँ ना छोड़ जिंदगी की किताब को खुला:बेवक्त की हवा ना जाने कौन सा पन्ना पलट दे! Share on: